Monika garg

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लेखिनी 15 पार्ट सीरीज प्रतियोगिता # सती बहू(भाग:-13)

गतांक से आगे:- 


मोती बेहताशा भागा चला जा रहा था।वह बस किसी तरह ये खबर विशम्बर तक पहुंचाना चाहता था कि प्यार के दोनों पंछी एक ही जगह पर इकठ्ठे है उन को किस तरह मौत के घाट उतारना है ।वह भाग भाग हवेली की ओर जा रहा था ।हवेली भी कल खाली करनी थी जिसके यहां हवेली के कागज़ात रखें थे वो हवेली की नीलामी कर रहा था।इस लिए विशम्बर गांव भर में कोई कमरा किराये पर ढूंढ रहा था।

मोती ने जाते ही सारी खबर विशम्बर को दे दी कि गांव में चंदा भौजाई का यार मिलने आया है। विशम्बर का खून खोल उठा उसने तेल का कनस्तर ,माचिस और मशाल उठाई और चल पड़ा खेतों की ओर ।मोती ने दूर से इशारा करते हुए विशम्बर के चाचा के खेत में जो झोपड़ी थी उसके लिए कहा,"छोटे मालिक दोनों तोता मैना इसी झोपड़ी में बैठे प्यार के गीत गा रहे हैं ।"

विशम्बर ने आव देखा ना ताव केरोसिन के तेल का पूरा कनस्तर झोपड़ी पर उंडेल दिया और मशाल को दियासलाई दिखा कर मशाल झोपड़ी के ऊपर फेंक दी ।क्षण भर में ही झोपड़ी धूं धूं करके जलने लगी। विशम्बर ने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा और वह और मोती दोनों घर भाग आये ।ये काम करते हुए उन दोनों को किसी ने नहीं देखा था । गांव में आते हुए वे दोनों जोर से चिल्लाते आ रहे थे ।

" सुनो,सुनो गांव वालों बड़ा जुल्म हो गया ।चंदा ने चाचा जी के खेत में बनी झोपड़ी में जाकर अपने आप को आगे लगा ली ,..... देखो-देखो वहां जाकर झोपड़ी की लपटें यहां तक दिखाई दे रही है।हमने बहुत कोशिश की आग बुझाने की पर आग और भी धधक रही है।"

तभी मोती नकली आंसू निकालते हुए बोला," बेचारी चंदा भौजाई , बलात्कार का दुःख सहन ना कर पाई और अपने आप को खत्म करके सती हो गई……  सती ।


।।जय हो सती माता की।।

।।जय हो सती माता की।।


यह कहकर मोती चंदा के नाम के जयकारे लगाने लगा।

सारा गांव खेतों की ओर उमड़ पड़ा।सभी के साथ में पूजा की थाली थी ।वो जीती जागती औरत को सती होता अपनी आंखों से देखना चाहते थे।

शाम तक विशम्बर के चाचा के खेत पर लोगों का हुजूम लगा गया है, कोई उस झोपडी की राख को मस्तक से लगा रहा था तो कोई नारियल चूनरी से अपने लिए मन्नत मांग रहा था।रात भर में वहां पर सती चंदा का ठान बन गया ।

सुबह उठते ही विशम्बर बोला,"चंदा मेरी पत्नी थी ।रात मेरे सपने में आई थी और कह रही थी कि गांव में उसकी पूजा होनी चाहिए। जय हो सती चंदा की ।…..जय हो सती बहू चंदा की ।"


विशम्बर की बातों को मानते हुए गांव में रहने वाले भीखू ने पहला नारियल चूनरी और चढ़ावा चढ़ाया क्योंकि उसकी बीवी पेट से थी और साथ कन्याओं को जन्म दे चुकी थी अब की बार भीखू बहुत निराश था उसने सोच रखा था कि अगर अब की बार भी लड़की जनी तो साली का सिर ही काट डालेगा।जीव हत्या ना हो इसलिए सती बहू से मन्नत मांग रहा था कि अब की बार लला के दर्शन है जाए तो पांच सेर चांदी के गहने चढ़ायेगा।

और देखो भीखू की बात पूरी भी हो गई रात को ही उसकी पत्नी को प्रसव हुआ और उसने बेटे को जन्म दिया।

अब तो सती बहू चंदा के पूजा ठान की जय-जयकार होने लगी ।धीरे धीरे लोग की संख्या बढ़ने लगी और धीरे धीरे सब और सती बहू की प्रसिद्धि होने लगी।

विशम्बर उस मंदिर का पूजारी बन बैठा ।सारा चढ़ावा और खाने पीने के समान से विशम्बर का गुजर बसर अच्छे से होने लगा।

एक रात मोती और विशम्बर खूब पीकर अपनी कोठरी में बतिया रहे थे," वाह! मोती क्या तीर मारा हम दोनों ने ।हमारी इज्जत को बट्टा भी नहीं लगा और हमारे आंखों की किरकिरी भी हमसे दूर हो गयी।"


"जी छोटे मालिक और सबसे बड़ी बात सारी जमापूंजी जब्त होने के बाद खाने के लाले पड़ जाते पर वहां री "सती बहू चंदा" जाते जाते भी हमारे लिए खाने का इंतजाम कर के गयी।

।।जय हो सती बहू चंदा की ।।

दोनों ठठा कर हंस पड़े।



इधर शहर के अस्पताल में एक औरत प्रसव पीड़ा से जूझ रही थी ।बाहर खड़ा आदमी शायद उसका पति था वो अस्पताल के गलियारे में तेज कदमों से चहलकदमी कर रहा था ।तभी अंदर से बच्चे के रोने की आवाज आई वह दौड़कर कमरे के दरवाज़े पर गया तो नर्स ने बाहर आकर कहा ," माफ करना हम आप की पत्नी को नहीं बचा सके और आप को एक सुंदर स्वस्थ बेटी हुई है।"

वह व्यक्ति माथा पकड़ कर वहीं जमीन पर बैठ गया ।


वह व्यक्ति कौन था और वो औरत कौन थी …. ये जानने के लिए अगले भाग का इंतजार करें…..

(क्रमशः)

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2 Comments

HARSHADA GOSAVI

15-Aug-2023 12:56 PM

Nice part

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वानी

12-Jun-2023 06:48 PM

Nice

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